Tuesday, August 30, 2011

मना ली एक दिन पहले ही

मना ली एक दिन पहले ही मैंने, ईद पूछो क्यूँ ।
अरे ! वो दूसरी मंजिल पे, मैंने चाँद देखा था ॥
बड़ा ही खूबसूरत था, बड़ी थी सादगी उसमे ।
बड़े नजदीक थे उसके, 'अनिल' जब चाँद देखा था ॥



1 comment:

  1. बहुत सुन्दर --
    प्रस्तुति |
    ईद की बहुत बहुत मुबारकबाद ||
    बधाई ||

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