एक मुद्दत से इंतजार है, कुछ बोलेंगे ।
देर से ही सही गुलाब से, लव खोलेंगे ॥
कुछ तो एहसास करते, देखते, मुस्कुरा देते ।
फिर से जुल्फों को, अपने चेहरे पे गिरा देते ॥
हम तो कब से खड़े है राहों में, इंतज़ार है ।
न जाने क्यों ये दिल, इतना बेकरार है ॥
सोचते है जो बची है, वो गुज़र जाये ।
मै चलू उसपे, जो डगर तेरे घर जाये ॥
ये इतनी देर, बहुत देर हो न जाये कही ।
मेरी किस्मत हो, ये किस्मत खो न जाये कहीं ॥
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