Anil Kumar Aksh
Tuesday, August 30, 2011
मना ली एक दिन पहले ही
मना ली एक दिन पहले ही मैंने, ईद पूछो क्यूँ ।
अरे ! वो दूसरी मंजिल पे, मैंने चाँद देखा था ॥
बड़ा ही खूबसूरत था, बड़ी थी सादगी उसमे ।
बड़े नजदीक थे उसके, 'अनिल' जब चाँद देखा था ॥
1 comment:
रविकर
August 30, 2011 at 11:45 PM
बहुत सुन्दर --
प्रस्तुति |
ईद की बहुत बहुत मुबारकबाद ||
बधाई ||
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बहुत सुन्दर --
ReplyDeleteप्रस्तुति |
ईद की बहुत बहुत मुबारकबाद ||
बधाई ||