Tuesday, May 12, 2009

तेरा सर गर मेरे ...

तेरा सर गर मेरे कांधे पे आ जाए तो क्या होगा ।
मेरा दम फिर अगर उस दम निकल जाए तो क्या होगा ॥
ये दिल नादान है सुनता , नही करता है मन मानी ।
ये धड़कन फिर अगर उस दम ठहर जाए तो क्या होगा ।
तेरा जुल्फे गिरा कर अपने चेहरे पर चले आना ।
अगर उस दम कोई बिजली चमक जाए तो क्या होगा ॥
तेरे जलवों की ख्वाहिश थी तेरे जलवे नज़र आए ।
अगर जलवा किसी की जान ले जाए तो क्या होगा ॥