tag:blogger.com,1999:blog-2651089945417587062024-03-13T08:34:33.470-07:00Anil Kumar AkshAnil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.comBlogger95125tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-52716551295302379092020-07-30T11:10:00.000-07:002020-07-30T11:10:21.313-07:00कुछ दूर ही चले थे<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
कुछ दूर ही चले थे, मंजिल का पता लेके।<br />
अच्छा हुआ कि उसने रास्ते पे ला दिया।<br />
क्या होता अगर चलता कुछ और दूर आगे।<br />
ये वक़्त था और वक़्त ने रस्ता बता दिया।<br />
कुछ और ही समझे थे कुछ और ही वो निकले।<br />
दो कदम साथ चलके रस्ता दिखा दिया ।<br />
हमको नही पता था वरना न कदम रखते।<br />
उसने मुझे अजीब सा सपना दिखा दिया ।<br />
ऐसी क्या दुश्मनी थी उनकी खुदा ही जाने।<br />
ये दोस्ती दिखा कर ये तुमने क्या किया।</div>
Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-4403028044143822622018-03-02T03:01:00.002-08:002018-03-02T03:01:17.500-08:00बड़े अरमान है कि मखमली<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
बड़े अरमान है कि, मखमली गालो पे रंग डालूँ। <br />कि वो हँसते रहे, हँसते हुए मै उनपे रंग डालूँ।।<br />कि ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।<br />वो मुझको अपना रंग दे दे मै उनपे अपना रंग डालूँ ॥<br /><span></span><br />जो है अरमान पिछले, अबकी होली में मिटा लेना ।<br />
कि <span></span> <span>उनके</span> <span>मखमली</span> <span>गालो</span> <span>पे</span>, <span>थोडा</span> रंग लगा लेना ।।<br />अगर शर्मा रहे है, तो कोई अब बात मत करना ।<br />मचलती जुल्फ पर उनके, कोई महफ़िल सजा लेना ॥<br />
<br />कि उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम बना लेना ।<br />जो हो दस्तूर होली के वो सब अबकी निभा लेना।।<br />हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।<br />
कि जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥<br /><br />खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।<br />जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥<br />ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।<br />अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।<br /><br />अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।<br />मचलती जुल्फ में अरमान तुम भर लो तो क्या होगा ॥<br />अनिल रहने भी दो महफ़िल में आये है वो शर्मा के ।<br />इशारो से सही एक बार कुछ कर दो तो क्या होगा ॥
</div>
Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-29355686838081363582016-07-24T02:35:00.002-07:002016-07-24T02:35:59.853-07:00<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
राजनीति ने दलित सवर्णों का बंटवारा कर डाला।<br />
आपस के भाई चारे में नफरत गाली भर डाला।<br />
<br />
हर चौराहे पर धरना है लाज बचावो लाज बचावो।<br />
अपनी लाज बचाने को इक चीर हरण फिर कर डाला।<br />
<br />
सम्मानों के परमवीर कुछ चौराहों पर घूम रहे। <br />
अपनी बहन बहिन कह के दूजे पर हमला कर डाला।<br />
<br />
इज़्ज़त इज़्ज़त बड़ा शब्द है बड़ी बात है मालूम है ?<br />
अपनी रख लो उसकी ले लो राजनीति का सच काला।<br />
<br />
कुर्सी , सत्ता , राज चुनावो में आते है जाते है।<br />
पर नेतावो ने जनता को भीड़ बना कर रख डाला।<br />
<br />
बड़ा कठिन है बड़ा कुटिल है राजनीति का खेल अनिल।<br />
सच को झूठा कहना पड़ता झूठा है सच सच वाला। </div>
Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-63161082821559103242013-01-15T08:45:00.002-08:002013-01-15T08:51:19.101-08:00मै जोकर ही सही<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
मै जोकर ही सही तेरी महफ़िल में अनिल।<br />
जो जोकर हू तो हँसाने के काम आता हू ।<br />
<br />
पानी हू मै मुझमे रवानी का हुनर है यारो।<br />
बिसलेरी ना सही पर प्यास बुझाने के काम आता हू।।<br />
<br />
दरख़त तुम सा न सही पर छाव बहुत ज्यादा है।<br />
टूट भी जाऊगा तो जलाने के काम आता हू।।<br />
<br />
चराग ही सही कुछ देर में बुझ जाऊगा।<br />
जब तलक जलता हू मै रौशनी लुटाता हू।।<br />
<br /></div>
Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-14068934498908264752013-01-15T08:36:00.004-08:002013-01-15T08:39:50.643-08:00खिलाडी हो तो खेल खेलो<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
खिलाडी हो तो खेल खेलो, <br />
बिछाई है जो उस बिसात में रहो।<br />
वो तिनके नहीं जो फूक से उड़ जाये हम,<br />
आधियों तुम जरा अपनी औकात में रहो।। <br />
<br />
ये लखनऊ है शरीफों की महफ़िल है,<br />
कुछ ख्याल करो हदे हालत में रहो।<br />
मै जानता हू कि हर बात पे बहक जाते हो,<br />
कोशिश करो, काबू रखो, जज्बात में रहो।।<br />
<br />
आइना हू तेरा चेहरा दिखा के जाउगा,<br />
जवाब आते है? नहीं तो सवालात में रहो।<br />
मै जुगनू हू न दिया हु जो बुझा दोगे मुझे,<br />
रास्ता मालूम है न इस खुराफात में रहो।। </div>
Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-51256629177405603342013-01-15T08:23:00.002-08:002013-01-15T08:25:54.917-08:00था शीशे की तरह मै साफ़<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
था शीशे की तरह मै साफ़ वो पत्थर समझ बैठे।<br />
जरा सी छाव क्या दे दी वो अपना घर समझ बैठे।।<br />
<br />
बड़ी इज्ज़त अदब से पेश आते है शराफत है।<br />
न जाने क्या उन्हें सूझी कि वो जोकर समझ बैठे।।<br />
<br />
बढ़ाये थे मदद को हाथ वो मजबूर थे जिस दम।<br />
बड़ा अच्छा सिला पाया कि वो नौकर समझ बैठे।।<br />
<br />
संभाला था सड़क पर जब वहां वो लडखडाये थे।<br />
बड़े मासूम वो निकले हमे ठोकर समझ बैठे।। </div>
Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-70891233450382450712012-03-14T08:16:00.004-07:002012-03-14T08:36:56.223-07:00मेघों का गुंजनबड़ी ऊँची उड़ाने है, है सारा आसमां उनका ।<br />बड़ी प्यारी सी सूरत है, है सारा मेड्मा उनका ॥<br /><br />समाया इन्द्रधनुषी रंग, और मौसम निराले है ।<br />कि उनके चाँद से चेहरे से, फैले ये उजाले है ॥<br /><br />अगर वो हो तो रेगिस्तान में भी, फूल खिलते है ।<br />बड़ी ईमानदारी से, वो अपना काम करते है ॥<br /><br />मै उनकी शान में अब क्या कहूँ, हिम्मत नहीं होती ।<br />बस इतना जानिये बरसात की, सूरत नहीं होती ॥<br /><br />अनिल के साथ बहना काम है उनका, पता होगा ।<br />दो अक्षर - मात्रा का नाम है उनका, पता होगा ॥<br /><br />तो सारे मेड्मा में देख लो, उनसा न कोई और है ।<br />बड़ी इज्ज़त अदब से नाम लेते हूँ, वो <span style="font-weight: bold;">मेघा</span><span style="font-weight: bold;"> </span><span style="font-weight: bold;">गौर</span> है ॥<br /><br />( अनिल - हवा )<br /><br />****************<br /><br />नज़र उनकी तराजू है, वो सब कुछ तोल लेती है ।<br />जो दिल में बात होती है, जुबां से बोल लेती है ॥<br /><br />है सब कहते कि जब वो बोलती, सरगम निकलते है।<br />कमर तक स्याह जुल्फों में, सरारे कुछ मचलते है ॥<br /><br />बड़ी है सादगी उनमे, क़यामत कि नज़र भी है ।<br />यहाँ सबसे पुरानी है, ये कुछ उसका असर भी है ॥<br /><br />बड़ी ही साफ़ दिल वाली है, हम सब जानते तो है ।<br />है दूजा नाम उनका, हम सभी पहचानते तो है ॥<br /><br />बड़ा ही हेल्फुल नेचर है, भवरों कि वो गुन गुन है ।<br />सुरीली लोग कहते है कि उनका नाम <span style="font-weight: bold;">गुंजन</span> है ॥Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-10285415072437592092011-10-25T20:50:00.000-07:002011-10-25T21:08:11.114-07:00दिए की रौशनी से सब अँधेरा दूर हो जाये<span style="font-size:100%;"><span class="Apple-style-span" style="color: rgb(51, 51, 51); font-style: normal; font-variant: normal; font-weight: normal; letter-spacing: normal; line-height: 14px; orphans: 2; text-align: left; text-indent: 0px; text-transform: none; white-space: normal; widows: 2; word-spacing: 0px; background-color: rgb(255, 255, 255);font-family:'lucida grande',tahoma,verdana,arial,sans-serif;" ><span>दिए</span> <span>की</span> <span>रौशनी</span> <span>से</span> <span>सब</span> <span>अँधेरा</span> <span>दूर</span> <span>हो</span> <span>जाये</span> ,<br /><span>जो</span> <span>दिल</span> <span>में</span> <span>ख्वाहिशे</span> <span>हो</span> <span>वो</span> <span>सभी</span> <span>मंजूर</span> <span>हो</span> <span>जाये</span> ॥<br /><span>जो</span> <span>अब</span> <span>तक</span> <span>बात</span> <span>दिल</span> <span>में</span> <span>है</span> <span>उसे</span> <span>बहार</span> <span>निकालने</span> <span>दो</span> ।<br /><span>न</span> <span>जाने</span> <span>कौन</span> <span>सी</span> <span>हो</span> <span>बात</span> <span>जो</span> <span>मशहूर</span> <span>हो</span> <span>जाये</span> ॥<br /><br /><span>दिए</span> <span>की</span> <span>लौ</span> <span>जरा</span> <span>जलकर</span> <span>निखर</span> <span>जाये</span> <span>तो</span> <span>चलता</span> <span>हूँ</span> ,<br /><span>वो</span> <span>उनका</span> <span>चाँद</span> <span>सा</span> <span>चेहरा</span> <span>नज़र</span> <span>आये</span> <span>तो</span> <span>चलता</span> <span>हू</span> ।<br /><span>सुना</span> <span>है</span> <span>की</span> <span>नज़र</span> <span>उनकी</span> <span>क़यामत</span> <span>है</span> <span>तो</span> <span>होने</span> <span>दो</span> ,<br /><span>नज़र</span> <span>उनकी</span> <span>इधर</span> <span>एक</span> <span>बार</span> <span>आ</span> <span>जाये</span> <span>तो</span> <span>चलता</span> <span>हू</span> ॥<br /><br /><span>हमे</span> <span>कुरता</span> <span>पहनना</span> <span>था</span> <span>बड़ी</span> <span>अच्छी</span> <span>हिदायत</span> <span>है</span> ,<br /><span>मज़ा</span> <span>तो</span> <span>तब</span> <span>था</span> <span>जब</span> <span>की</span> <span>आप</span> <span>भी</span> <span>घाघरा</span> <span>सिला</span> <span>लेते</span> ॥<br /><span>महक</span> <span>चारो</span> <span>तरफ</span> <span>बहती</span> <span>चमक</span> <span>चारो</span> <span>तरफ</span> <span>रहती</span> ,<br /><span>रंगोली</span> <span>ही</span> <span>सजा</span> <span>लेते</span> <span>की</span> <span>कुछ</span> <span>दीपक</span> <span>जला</span> <span>लेते</span> ॥<br /><br />बुझे चेहरे नज़र मायूश लव खामोश है <span>देखो,<br /></span>अरे सब साथ आ जाते तो महफ़िल ही सजा लेते ॥<br />हमे रुकने की जिद है और उन्हें चलने की बेताबी,<br />की मुंह मीठा करा देते की मुंह मीठा करा लेते ॥<br /><br /></span></span>Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-47294456955374477142011-09-08T08:43:00.000-07:002011-09-08T08:58:20.279-07:00गुलाबों सा कोई मौसमगुलाबों सा कोई मौसम, तुम्हे मिलने चला आये ।<br />उड़े बादल कहीं से मेघ बन, जुल्फों पे छा जाये ॥<br />मुबारक हो ये दिन खुशियाँ मिले, ये है दुवा रब से ।<br />कि मेघा हो सभी मौसम, तुम्हे मिलकर बता जाए ॥<br /><br />कि आकर चाँद, तेरे चाँद से, चेहरे से मिल जाये ।<br />कि तुम को देख कर, सिमटी हुई कलियाँ भी खिल जाये ॥<br />छटा है इन्द्रधनुषी, और मौसम भी सुहाना है ।<br />तो क्या हो अब अगर मेघा कही घर से निकल आये ॥<br /><br />सभी तारे खड़े है राह में तुमको सजाने को ।<br />कि जुगनू भी चमकते है तुम्हे राहें दिखाने को ॥<br />कि मंदिर कि कोई मूरत हो तुमको ढूढ़ते है सब ।<br />उसी रस्ते पे आये है 'अनिल' मंदिर बनाने को ॥Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-4662954637237443602011-09-01T08:46:00.000-07:002011-09-01T08:51:31.301-07:00तुम्ही तो विघ्नहर्ता होतुम्ही तो विघ्नहर्ता हो, तो सारे विघ्न हर लेते ।
<br />दयासागर हो तुम थोड़ी, दया हम सब पे कर लेते ॥
<br />
<br />कि सब कुछ हो सुहाना, और सब में प्रेम हो घर घर ।
<br />कि होली, ईद, दीवाली, ये सब कुछ साथ कर देते ॥
<br />
<br />यही विनती, निवेदन है, यही है प्रार्थना मेरी ।
<br />कि मेरे घर में रह लेते, या अपने घर में रख लेते ॥
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-34860504558539446132011-08-30T08:11:00.000-07:002011-08-30T08:20:02.130-07:00मना ली एक दिन पहले हीमना ली एक दिन पहले ही मैंने, ईद पूछो क्यूँ ।
<br />अरे ! वो दूसरी मंजिल पे, मैंने चाँद देखा था ॥
<br />बड़ा ही खूबसूरत था, बड़ी थी सादगी उसमे ।
<br />बड़े नजदीक थे उसके, 'अनिल' जब चाँद देखा था ॥
<br />
<br />
<br />
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-2365903288331487522011-08-24T09:58:00.000-07:002011-08-24T10:08:00.143-07:00जश्ने नौरोज़ केजश्ने नौरोज़ के दिन आपको आना होगा ।
<br />हटा के ज़ुल्फ़ महताब दिखाना होगा ॥
<br />
<br />रुख को परदे में छुपाने की आदत नहीं अच्छी ।
<br />हटा नकाब तुम्हे बज़्म में आना होगा ॥
<br />
<br />लवों को सी के न बैठो खुदा के वास्ते तुम ।
<br />सरे महफ़िल में तुम्हे नज़्म सुनाना होगा ॥
<br />
<br />फुल जुल्फों में पिरोये है क्या कयामत है ।
<br />आपको रोज़ इस जलवे को दिखाना होगा ॥
<br />
<br />कही ऐसा न हो मिल पाए न सहर मुझको ।
<br />आखिरे शब् में रूखे चाँद दिखाना होगा ॥
<br />
<br />मैकशे जाने की आदत ख़राब लगती है ।
<br />लाले मुज़ब लव का पैमाना पिलाना होगा ॥
<br />
<br />जाने निगार रूबरू होने में खलिश है ।
<br />निगाहे नाज़ से मुस्कान पे आना होगा ॥
<br />
<br />ज़रिह बन के रह गयी है जिंदगी मेरी ।
<br />सजदे में अनिल तुमको भी आना होगा ॥
<br />
<br />( ०२ -०९ - १९९९ )
<br />
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-74263229365177492872011-08-24T09:44:00.000-07:002011-08-24T09:57:25.575-07:00हम इश्क महफ़िलोयूँ तो रोते है हम शामों सहर लेकिन ।
<br />हम अश्क सरे आम बहाया नहीं करते ॥
<br />
<br />ये उनकी खूं है देकर जख्म हम पे मुस्कुराते है ।
<br />जख्मों पे हम भी मरहम लगाया नहीं करते ॥
<br />
<br />निगाहें परवरिश के वास्ते बैठे तो कब तलक ।
<br />पत्थर दिल तब्बसुम पे आया नहीं करते ॥
<br />
<br />फितरतों में उनकी शामिल है क़त्ल करना ।
<br />हम खूने जिगर अपना दिखाया नहीं करते ॥
<br />
<br />उनकी तो ये आदत है मिल करके भूल जाना ।
<br />हम लव से लेके नाम भुलाया नहीं करते ॥
<br />
<br />हम दिल में बसाते है अपने यार की सूरत ।
<br />तस्वीर आइनों में सजाया नहीं करते ॥
<br />
<br />वो घर उजाड़ सबकी पिलाते शराब है ।
<br />हम पीने कभी मैकदे जाया नहीं करते ॥
<br />
<br />दुनिया से जी है भर गया अब जी के क्या करे ।
<br />हम लाशों का मुज्जसम बनाया नहीं करते ॥
<br />
<br />ये जिंदगी ही बोझ मेरे दोस्तों सुनो ।
<br />हम कांधों पे अपने बोझ उठाया नहीं करते ॥
<br />
<br />(१५ - ०८ -१९९९ )
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-27186760225871515022011-08-23T09:46:00.000-07:002011-08-23T09:57:12.752-07:00हमने थे होश खोयेहमने थे होश खोये, उनके रूबरू होके ।
<br />उनके भी कदम बहके, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />परदे में रुख छिपाए है, ये कैसा प्यार है ।
<br />पल्लू जो सर से सरका, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />
<br />मेहँदी लगायी पैरों में, तो फूल हँस पड़े ।
<br />बोसा लिया था फर्श ने, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />बन चौहदवीं का चाँद, न निकला करो छत पर ।
<br />टकराए कोई बादल, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />
<br />बिखराई तुमने जुल्फे, मै समझा कि चाँद डूबा ।
<br />तेरा साया मैंने देखा, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />लव खुलते ही गिरे थे, फूलों के कई गुच्छे ।
<br />एक मैंने भी उठाया, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />
<br />ऐसे न सज सवंर कर, तुम अंजुमन में निकलो ।
<br />टकराए कोई आशिक, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />तेरे लव को देख कर के, भवरें है कई मचले ।
<br />तेरे लव पे आके बैठे, तो क्या मेरी खता है ॥
<br />
<br />अंगड़ाई ना लिया करो, तुमको कसम हमारी ।
<br />फिर तुम ना मुझसे कहना, कि ये मेरी खता है ॥
<br />
<br />(०३ - ०४ - २००० )
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-36796187701651662942011-08-23T09:16:00.000-07:002011-08-23T09:29:49.890-07:00हमने थी कसम खायीहमने थी कसम खायी, तुमसे न मिलेगे ।
<br />गर ख्वाब में मिल जाएँ, तो कोई क्या करे ॥
<br />पीने कि है पाबन्दी, हरगिज न पियेंगे ।
<br />जब खुद ही जाम छलके, तो कोई क्या करे ॥
<br />
<br />उनकी ये आरज़ू थी, हम घर न रहेगे ।
<br />जब दिल ही आशियाँ हो, तो कोई क्या करे ॥
<br />अपनी ये तमन्ना थी, कुछ गुफ्तगू करेगे।
<br />चिलमन न उठा शब् भर, तो कोई क्या करे ॥
<br />
<br />सोचा था हम न रुसवां, दिलदार को क़रेगे ।
<br />परवान मोहब्बत चढ़ी, तो कोई क्या करे ॥
<br />मालिक मेरे ये कैसी, उलझन में फंस गया ।
<br />उलझन उलझती जाये, तो कोई क्या करे ॥
<br />
<br />शिकवा करेगें किस से, ए मेरे हमनशीं ।
<br />जब जिंदगी हो कातिल, तो कोई क्या करे ॥
<br />हमने किया है वादा, उनसे इंतज़ार का ।
<br />गर वो ही रूठ जाये, तो कोई क्या करे ॥
<br />
<br />हम दास्ताँ सुनाये जाकर, किसे 'अनिल' ।
<br />जब हम ही दास्ताँ है, तो कोई क्या करे ॥
<br />हमने थी कसम खायी, कि हम कुछ न कहगे ।
<br />आहिस्ता खुल गए लव, तो कोई क्या करे ॥
<br />
<br />(०३-०४-२००० )
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-10934394481232297192011-08-17T09:13:00.000-07:002011-08-17T09:22:24.969-07:00एक मुद्दत से इंतजार हैएक मुद्दत से इंतजार है, कुछ बोलेंगे ।
<br />देर से ही सही गुलाब से, लव खोलेंगे ॥
<br />
<br />कुछ तो एहसास करते, देखते, मुस्कुरा देते ।
<br />फिर से जुल्फों को, अपने चेहरे पे गिरा देते ॥
<br />
<br />हम तो कब से खड़े है राहों में, इंतज़ार है ।
<br />न जाने क्यों ये दिल, इतना बेकरार है ॥
<br />
<br />सोचते है जो बची है, वो गुज़र जाये ।
<br />मै चलू उसपे, जो डगर तेरे घर जाये ॥
<br />
<br />ये इतनी देर, बहुत देर हो न जाये कही ।
<br />मेरी किस्मत हो, ये किस्मत खो न जाये कहीं ॥
<br />
<br />
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-21218266899598113682011-08-14T21:11:00.000-07:002011-08-14T21:34:50.555-07:00माँ का श्रृंगारमाँग में भरना धूल हिंद की, जिसमे रवि की लाली हो ।
<br />घुघराले बालों में बेंदी, चाँद सितारा वाली हो ॥
<br />माथे पे बिंदिया सूरज की, जिसमे चिन्ह शेर का हो ।
<br />आँखों में पुष्कर तीरथ और, वक्ष्स्तल अजमेर का हो ॥
<br />
<br />काबा हो जिसकी पलकों पर, जिसका ह्रदय शिवाला हो ।
<br />वाणी गीता सी पवन हो, हाथ में मणि की माला हो ॥
<br />बनी तिरंगे की चूनर, और सिर पर मुकुट गगन का हो ।
<br />भगत सिंग सा बासंती तन, जिसमे रंग लगन का हो ॥
<br />
<br />चोली में चरखा बनवाना, जिस पर पड़ा दुशाला हो ।
<br />ताजमहल से सुन्दर तन पर, कपड़ा खादी वाला हो ॥
<br />चक्र करधनी में बनवाना, कर में विजय तिरंगा हो ।
<br />धवल वेग जिसका, जिसकी बाहों में पवन गंगा हो ॥
<br />
<br />आँचल में भर हिंदी सागर, पायल पटना की लाना ।
<br />वीर जवाहर का रंग भी, तुम सभी जगह पर भरवाना ॥
<br />आँखों में झरिया का काजल, नथ चित्तौड़ किले की हो ।
<br />शुभ्र शीश पर नग हिमगिरि, चूड़ामणि बंग जिले की हो ॥
<br />
<br />घंघरा गाँधी वाला जिसमे, वन्देमात्रम बूटा हो ।
<br />लाल बहादुर का रंग भरना, कोई भाग न छूटा हो ॥
<br />सारी बनी बनारस की और, ज़री हैदराबादी हो ।
<br />हर धागा जिसका बतलाता, सौ करोड़ आबादी हो ॥
<br />
<br />अर्जुन सी हुँकार, तांडव झासी की रानी जैसा ।
<br />रक्षक जिसके वीर शिवाजी, उस सरहद को डर कैसा ॥
<br />नलवे का रंग गहरा कर, संगीन थमाना बाहों में ।
<br />फूल तोड़ लखनऊ शहर के, बिखरा देना राहों में ॥
<br />
<br />कर श्रृंगार सजाकर उसको, कर देना तुम सिंह सवार।
<br />तब जाकर कहलाएगी वो, भारत भू का शुभ अवतार ॥
<br />
<br />(१५ अगस्त १९९९ - दिन रविवार )
<br />
<br />
<br />
<br />
<br />
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-47146754996031049762011-08-14T03:19:00.000-07:002011-08-14T03:34:58.720-07:00चलो मस्त तुम तो धरा डोल देगीचलो मस्त तुम तो धरा डोल देगी ।
<br />अगर तुम हुंकारों चिता बोल देगी ॥
<br />
<br />बनो निश्चयी प्रात को वश में कर लो ।
<br />बनो भास्कर रात को वश में कर लो ॥
<br />
<br />कि तुम भोर के दीप बनकर न बैठो ।
<br />कि झिलमिल सितारों को आँचल में भर लो ॥
<br />
<br />बनो विक्रमी एक संवत चला दो ।
<br />कि तुम एक होली नयी फिर जला दो ॥
<br />
<br />अगर मौन बन करके आघात खाए ।
<br />तो धिक्कार तुम इस धरा पे क्यों आये ॥
<br />
<br />बनो साहसी सेतु सागर पे बाँधो ।
<br />समुन्दर कि लहरों को तुम दास कर लो ॥
<br />
<br />धरा तो तुम्हारे बहुत सन्निकट है ।
<br />गगन, रश्मियाँ, रवि को तुम पास कर लो ॥
<br />
<br />तो तुम युग प्रवर्तक कि मूरत बनोगे ।
<br />तो तुम मेरु गिरि कि तरह फिर तनोगे ॥
<br />
<br />स्वयं आके घन तुम पे बरसायेगा जल ।
<br />है बहुमूल्य तेरा दिवस, रात्रि, क्षण, पल ॥
<br />
<br />कि पुरुषत्व ललकार पर ना भुलाना ।
<br />कि अमरत्व जीवन में लेकर न आना ॥
<br />
<br />तभी कौरवो को पराजित करोगे ।
<br />तभी तीर तुम तरकशो में भरोगे ॥
<br />
<br />कि हाथो से नित तू प्रलय का सृजन कर ।
<br />कि फिर से कमंडल में संजीवनी भर ॥
<br />
<br />कि तू भाग्य का जा स्वयं बन विधाता ।
<br />तो फिर देखना कौन सम्मुख है आता ॥
<br />
<br />(०५-०६-२०००)
<br />
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-29799381135791269382011-08-14T02:54:00.000-07:002011-08-14T03:10:42.278-07:00शहीदों को झुकावो सिरशहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने ये गया है ।
<br />लगावो धूल को सिर पर, वतन में चैन आया है ॥
<br />
<br />वो बिस्मिल थे, भगत सिंह थे, ज़मीं को दे लहू अपना ।
<br />जिन्होंने वर्षो देखा था, अनोखे देश का सपना ॥
<br />
<br />फूल सर का अशफ़ाक ने, इस पर चढ़ाया है ।
<br />शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने या गया है ॥
<br />
<br />शहीदों ने सजायी माँग माँ की, खून देकर के ।
<br />चुका सकते नहीं एहसान, ये सौ बार भी मर के ॥
<br />
<br />खबर तुमको नहीं हमने क्या खोया और पाया है ।
<br />बहुत ही बार हमको, दुश्मनों ने आजमाया है ॥
<br />
<br />कसम हमको मरे हम, देश की खातिर वतन वालो ।
<br />तुम्हे आवाज़ माँ देती है तुम सीमाए संभालो ॥
<br />
<br />सिकंदर को हमी पोरश ने, झेलम से भगाया है ।
<br />शहीदों को झुकावो सर, जवानों ने ये गया है ॥
<br />
<br />हमे है दोस्त प्यारे साथ में, दुश्मन भी प्यारे है ।
<br />हमारी दोस्ती और दुश्मनी, के नुस्खे प्यारे है ॥
<br />
<br />करोगे प्यार से बातें, करेगें बात हम प्यारी ।
<br />मगर सुन लो हमे चेतावनी, बिलकुल नहीं प्यारी ॥
<br />
<br />अरोड़ा ने नियाजी को, सबक अच्छा सिखाया है ।
<br />शहीदों को झुकावो सिर, जवानों ने ये गया है ॥
<br />
<br />(१२-०२-१९९९)
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-35133694678730819172011-08-13T07:43:00.000-07:002011-08-13T07:44:42.146-07:00अनुपम तुम्हारे<span style="font-size:130%;"><span style="color: rgb(0, 102, 0);">अनुपम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम्हारे</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रूप</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">को</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">निहारता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> । </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">कितने</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रवि</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">शशि</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">मै</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">पे</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">वारता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> <span>॥
<br /></span> </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">हो</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">इसी</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">जगत</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">की</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रचना</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">ये</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">ज्ञात</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">होता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> । </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">दिनकर</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">के</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">निकलने</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">से</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">पावन</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">प्रभात</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">होता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> ॥
<br />
<br />'अनिल' </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम्हारे</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रूप</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">को</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">सवारता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> ।</span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">अनुपम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम्हरे</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रूप</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">को</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">निहारता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> ॥
<br />
<br /></span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">पूनम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम्हारे</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">केश</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">गूंथती</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">उछाह</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">ले</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> । </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">उषा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">लगा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रही</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">है</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">महावर</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">क्या</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">चाह</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">ले</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> <span>॥
<br /></span> </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तारो </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">के</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">जितनी</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">आयु</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">हो</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">यौवन</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">खिला</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">कमल</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> । </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">किसने</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम्हारी</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">की</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">है</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रचना</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">विमल</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">विमल</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> <span>॥
<br /></span> </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तेरा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रूप</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">प्रेम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">सिन्धु</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">में</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">पखारता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> । </span>
<br /><span style="color: rgb(0, 102, 0);">अनुपम</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">तुम्हारे</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रूप</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">को</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">निहारता</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> </span><span style="color: rgb(0, 102, 0);">रहा</span><span style="color: rgb(0, 102, 0);"> । </span></span>Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-48594003872221579862011-08-13T06:55:00.000-07:002011-08-13T07:22:58.235-07:00तिरंगे की कसम हमकोतिरंगे की कसम हमको, तिरंगा झुक नहीं सकता ।
<br />उठा दुश्मन की खातिर जो, कदम वो रुक नहीं सकता ॥
<br />
<br />तिरंगे को भगत सिंह ने, सजाया खून से अपने ।
<br />तिरंगा हाथ में लेकर, बने जय हिंद के सपने ॥
<br />
<br />अगर शान-ए-तिरंगा पर, कोई दुश्मन नज़र डाले ।
<br />शपथ है पूर्वजों की, खाक में उसको मिला डाले ॥
<br />
<br />नहीं कुर्बानियां भूले है, बिस्मिल की, जवाहर की ।
<br />अभी तक आ रही खुशबु, है झासी के महावर की ॥
<br />
<br />नहीं सुखा लहू अब तक, हिमालय की भुजावों ।
<br />नहीं ठंडा हुवा है रक्त, अब तक रह्नुमायों का ॥
<br />
<br />निशां आज़ाद भारत का, तिरंगा है तिरंगा ।
<br />हमारे देश की है शान, लहराता तिरंगा ॥
<br />भले ही हिंद के रणबाकुरे, गिन गिन के मर जाये ।
<br />मगर हिमराज पे लहराएगा, प्यारा तिरंगा ॥
<br />
<br /> (११-०८-१९९९)
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-84415550862154547302011-08-13T05:59:00.000-07:002018-07-01T21:42:11.331-07:00ह्रदय में टीस सी होती (२०-०७-१९९९)<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
ह्रदय में टीस सी होती , दिशा में क्यों निशा सोती ।
<br />
श्रवण को भेदता क्रंदन, खड़ी ममता विलग रोती ॥
<br />
<br />
कहाँ खोया मेरा सिंदूर, खोया है कहा दिनकर ।
<br />
कहाँ खोया है माँ की, गोद में रणबाकुरा छिप कर ॥
<br />
<br />
कहीं राखी गिरे हिलकर, भरे सिसकारियाँ बहना ।
<br />
मगर रोती हुई बहना, का बस इतना ही है कहना ॥
<br />
<br />
कहीं ललकार दुश्मन, मारता हो गया मेरा भैया ।
<br />
लगा हुँकार अरिमर्दन बना, हुंकारता भैया ॥
<br />
<br />
विजय के साथ लौटा है , विजय लेकर विजय नारा ।
<br />
खड़ी पगडंडियाँ ताके , विजय जिस आँख का तारा ॥
<br />
<br />
लगा कर शीश पर चन्दन, चढ़ाया शीश का चन्दन ।
<br />
तेरा शत कोटि अभिनन्दन, तेरा शत कोटि पग वंदन ॥
<br />
<br />
जहाँ पुरुषत्व ललकारे , विडारे शत्रु को उस क्षण ।
<br />
यहाँ हर उर में गीता है, है पावन भूमि का कण कण ॥
<br />
<br />
यही गौरव हमारा भाल, भाले की सदृश रहता ।
<br />
पुरातन से रचा इतिहास , दुहराता यहाँ रहता ॥
<br />
<br />
उठाये सैकड़ो हिमगिरी है, अपने नख विशालो पर ।
<br />
लिए है सैकड़ो गंगा, नवीनी के रसालो पर ॥
<br />
<br />
मिटा सिंदूर अपना है लगाती, टीका सिंदूरी ।
<br />
उठा तलवार देती, भेजती जा कर कसम पूरी
<br />
<br />
यहाँ रोती नहीं माएं, पिता को गर्व होता है।
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यहाँ का बच्चा बच्चा, खेत में बंदूक बोता है ॥
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Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-70048262156338377302011-08-13T05:44:00.000-07:002011-08-13T05:57:16.362-07:00हम तमाशा बन गए उनकाहम तमाशा बन गए, उनका तमाशा देख कर ।
<br />बातों ही बातों में मेरा, चाक दामां हो गया ॥
<br />इस कदर वो अंजुमन में, लौटकर आई 'अनिल' ।
<br />देखते ही देखते, रंगीन शामां हो गया ॥
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<br />मेरी गुस्ताखी थी लाज़िम, गुफ्तगू करने लगे ।
<br />मुख़्तसर पर आये थे, और राजनामा हो गया ॥
<br />लब्ज़ मुँह से एक न निकला, पर नज़र सब कह गयी ।
<br />मैंने देखा उनका चिलमन, लाल जामां हो गया ॥
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<br />हम झुके उनकी कदम बोस़ी, को जाने मुन्तज़र ।
<br />मेरे दिल से उनके दिल का, बायनामा हो गया ॥
<br />मैंने उनको नूर-ए-जन्नत समझ, सिज़दा किया ।
<br />मै मगर उनकी नज़र में, खानशामा हो गया ॥
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<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-76579329057934228702011-08-09T09:13:00.000-07:002011-08-09T09:37:34.847-07:00मेरी किस्मत बना सकते हैमेरी किस्मत बना सकते है, पर वो क्यों बनायेगे ।
<br />मेरी दुनिया सजा सकते है , पर वो क्यों सजायेगे ॥
<br />मेरे हालत बन सकते है , बस नज़रे उठा दे वो ।
<br />मगर उनको रुलाना है , रुलाते है, रुलायेगे ॥
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<br />कि कब तब तुम न बोलोगे, ये हम अब देख ही लेगे ।
<br />कि हम आवाज़ देगे, और तुमको आजमायेगे ॥
<br />कि आ जावो है दम रुकता, नज़र बहकी न जाने क्यों ।
<br />हम इतनी दूर जायेगे, बुलाने पर न आयेगे ॥
<br />Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-265108994541758706.post-68424675680947016332011-08-07T06:13:00.000-07:002011-08-07T10:09:25.698-07:00हाले दिल जब भी सुनते है उन्हेंहाले दिल जब भी सुनाते है उन्हें ।<br />देख कर वो मुस्कुराते है हमे ॥<br />भूलना हम चाहते है उनको जब ।<br />तब वो हरदम याद आते है हमे ॥<br /><br />देखने को हम उन्हें बेज़ार है ।<br />वो न जाने क्यों सताते है हमे ॥<br />ठीक है उनकी अदा देखेगे हम ।<br />पूछेगे क्यों आजमाते है हमें ॥<br /><br />क्या करे उस चाँद के दीदार को ।<br />बोलते ही चुप कराते है हमे ॥<br />जब भी पूछो कब मिलोगे, ईद में ।<br />इस तरह से अब बताते है हमे ॥Anil Kumar 'Aksh'http://www.blogger.com/profile/00739561621133533228noreply@blogger.com0