मै जोकर ही सही तेरी महफ़िल में अनिल।
जो जोकर हू तो हँसाने के काम आता हू ।
पानी हू मै मुझमे रवानी का हुनर है यारो।
बिसलेरी ना सही पर प्यास बुझाने के काम आता हू।।
दरख़त तुम सा न सही पर छाव बहुत ज्यादा है।
टूट भी जाऊगा तो जलाने के काम आता हू।।
चराग ही सही कुछ देर में बुझ जाऊगा।
जब तलक जलता हू मै रौशनी लुटाता हू।।
जो जोकर हू तो हँसाने के काम आता हू ।
पानी हू मै मुझमे रवानी का हुनर है यारो।
बिसलेरी ना सही पर प्यास बुझाने के काम आता हू।।
दरख़त तुम सा न सही पर छाव बहुत ज्यादा है।
टूट भी जाऊगा तो जलाने के काम आता हू।।
चराग ही सही कुछ देर में बुझ जाऊगा।
जब तलक जलता हू मै रौशनी लुटाता हू।।