तुम्ही तो विघ्नहर्ता हो, तो सारे विघ्न हर लेते ।
दयासागर हो तुम थोड़ी, दया हम सब पे कर लेते ॥
कि सब कुछ हो सुहाना, और सब में प्रेम हो घर घर ।
कि होली, ईद, दीवाली, ये सब कुछ साथ कर देते ॥
यही विनती, निवेदन है, यही है प्रार्थना मेरी ।
कि मेरे घर में रह लेते, या अपने घर में रख लेते ॥
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