Tuesday, January 25, 2011

चमकते चाँद पर रौशन तिरंगा

चमकते चाँद पर रौशन तिरंगा है निशानी ।
हमारे आन की सम्मान की है ये कहानी ॥
डगर कैसी भी हो चलता रहे, उड़ता रहेगा ।
इसी पर ही शहीदों ने लुटाई थी जवानी ॥
ये वो परचम है जो कि झुक सकता नहीं है ।
हमारा हौसला है वो जो रुक सकता नहीं है ॥
कही रुकता नहीं है कारवां तूफ़ान आने दो ।
समंदर है ये मचलेगा वो रुक सकता नहीं है।।
सिखाते है हमें चलना नहीं वो जानते है ये ।
कि हम तूफान सीनों में छुपा लेते है सारे ॥
जरुरत है कोई गंगा इधर से फिर उधर जाये ।
अगर तुम हो समझते तो समझ लो ये इशारे ..

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