Friday, September 10, 2010

ईद में गले मिलने का

ईद में गले मिलने का दस्तूर होता है
चाँद को देखने का मौका जरुर होता है
मगर वो चाँद तो देखा ही नहीं मैंने अभी
कैसे कह दू कि मिलना जरुर होता है
हटा दो जुल्फों को अपने चेहरे से जरा
हुस्न तो कभी मजबूर नहीं होता है ।।
चाँद देख लू मै मेरी भी ईद होने दो
ईद में चाँद सा चेहरा जरुर होता है

No comments:

Post a Comment