Friday, March 2, 2018

बड़े अरमान है कि मखमली

बड़े अरमान है कि, मखमली गालो पे रंग डालूँ।
कि वो हँसते रहे, हँसते हुए मै उनपे  रंग डालूँ।।
कि ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपना रंग दे दे मै उनपे अपना रंग डालूँ ॥

जो है अरमान पिछले, अबकी होली में मिटा लेना ।
कि  उनके मखमली गालो पे, थोडा रंग लगा लेना ।।
अगर शर्मा रहे है, तो कोई अब बात मत करना ।
मचलती जुल्फ पर उनके, कोई महफ़िल सजा लेना ॥

कि उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम बना लेना ।
जो हो दस्तूर होली के वो सब अबकी निभा लेना।।
हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।
कि जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥

खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।
जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥
ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।
अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।

अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।
मचलती जुल्फ में अरमान तुम भर लो तो क्या होगा ॥
अनिल रहने भी दो महफ़िल में आये है वो शर्मा के ।
इशारो से सही एक बार कुछ कर दो तो क्या होगा ॥

No comments:

Post a Comment