बड़े अरमान है कि, मखमली गालो पे रंग डालूँ।
कि वो हँसते रहे, हँसते हुए मै उनपे रंग डालूँ।।
कि ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपना रंग दे दे मै उनपे अपना रंग डालूँ ॥
जो है अरमान पिछले, अबकी होली में मिटा लेना ।
कि उनके मखमली गालो पे, थोडा रंग लगा लेना ।।
अगर शर्मा रहे है, तो कोई अब बात मत करना ।
मचलती जुल्फ पर उनके, कोई महफ़िल सजा लेना ॥
कि उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम बना लेना ।
जो हो दस्तूर होली के वो सब अबकी निभा लेना।।
हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।
कि जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥
खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।
जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥
ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।
अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।
अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।
मचलती जुल्फ में अरमान तुम भर लो तो क्या होगा ॥
अनिल रहने भी दो महफ़िल में आये है वो शर्मा के ।
इशारो से सही एक बार कुछ कर दो तो क्या होगा ॥
कि वो हँसते रहे, हँसते हुए मै उनपे रंग डालूँ।।
कि ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपना रंग दे दे मै उनपे अपना रंग डालूँ ॥
जो है अरमान पिछले, अबकी होली में मिटा लेना ।
कि उनके मखमली गालो पे, थोडा रंग लगा लेना ।।
अगर शर्मा रहे है, तो कोई अब बात मत करना ।
मचलती जुल्फ पर उनके, कोई महफ़िल सजा लेना ॥
कि उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम बना लेना ।
जो हो दस्तूर होली के वो सब अबकी निभा लेना।।
हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।
कि जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥
खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।
जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥
ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।
अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।
अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।
मचलती जुल्फ में अरमान तुम भर लो तो क्या होगा ॥
अनिल रहने भी दो महफ़िल में आये है वो शर्मा के ।
इशारो से सही एक बार कुछ कर दो तो क्या होगा ॥