Wednesday, March 14, 2012

मेघों का गुंजन

बड़ी ऊँची उड़ाने है, है सारा आसमां उनका ।
बड़ी प्यारी सी सूरत है, है सारा मेड्मा उनका ॥

समाया इन्द्रधनुषी रंग, और मौसम निराले है ।
कि उनके चाँद से चेहरे से, फैले ये उजाले है ॥

अगर वो हो तो रेगिस्तान में भी, फूल खिलते है ।
बड़ी ईमानदारी से, वो अपना काम करते है ॥

मै उनकी शान में अब क्या कहूँ, हिम्मत नहीं होती ।
बस इतना जानिये बरसात की, सूरत नहीं होती ॥

अनिल के साथ बहना काम है उनका, पता होगा ।
दो अक्षर - मात्रा का नाम है उनका, पता होगा ॥

तो सारे मेड्मा में देख लो, उनसा न कोई और है ।
बड़ी इज्ज़त अदब से नाम लेते हूँ, वो मेघा गौर है ॥

( अनिल - हवा )

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नज़र उनकी तराजू है, वो सब कुछ तोल लेती है ।
जो दिल में बात होती है, जुबां से बोल लेती है ॥

है सब कहते कि जब वो बोलती, सरगम निकलते है।
कमर तक स्याह जुल्फों में, सरारे कुछ मचलते है ॥

बड़ी है सादगी उनमे, क़यामत कि नज़र भी है ।
यहाँ सबसे पुरानी है, ये कुछ उसका असर भी है ॥

बड़ी ही साफ़ दिल वाली है, हम सब जानते तो है ।
है दूजा नाम उनका, हम सभी पहचानते तो है ॥

बड़ा ही हेल्फुल नेचर है, भवरों कि वो गुन गुन है ।
सुरीली लोग कहते है कि उनका नाम गुंजन है ॥

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