Sunday, March 7, 2010

कभी अक्सर खयालो में चले आते है समझाने

कभी अक्सर खयालो में चले आते है समझाने ।
हकीकत में नज़र उनसे कभी मिलती नहीं है ॥
यही एहसान क्या कम है की ख्वाबो में चले आये ।
वरना फुर्सत से भी उन्हें फुर्सत मिलती नहीं है ॥

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