Tuesday, January 26, 2010

जिस तरफ देखिये

कंट्री क्लब में मन रहा मेडमा का नव वर्ष
नज़र जिधर भी जा रही उधर हर्ष ही हर्ष
लम्हा लम्हा करके के नया साल गया
जाने वाला क्या क्या नए गुल खिला गया
कितने चेहरे जो मिले थे खो गए कहीं
कितने नए चेहरों को हमसे मिला गया
तो जिस तरफ देखिये उस तरफ हर्ष है
इस तरफ हर्ष भी उस तरफ हर्ष है
है नज़र उठ रही जा रही अर्श तक
अर्श पर हर्ष है फर्श पर हर्ष है
एक वो साल था एक ये साल है
तब भी खुशहाल था अब भी खुशहाल है
एक वो वर्ष था एक ये वर्ष है
तब भी संघर्ष था अब भी संघर्ष है
हर तरफ हर्ष है हर तरफ हर्ष है
दीजिये और कुछ जो परामर्श है
मै भी हूँ हर्ष में तुम भी तो हर्ष हो
अब तो उत्कर्ष है अब तो उत्कर्ष हो ।।
क्या कहूं हर्ष से क्या कहूं हर्ष को
हर्ष से पूछिए आज क्यों हर्ष है
वो भी नव वर्ष था ये भी नव वर्ष है
हर्ष में
मेमा मेमा हर्ष है

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