Sunday, October 4, 2009

क्या ताज महल सुंदर होगा

क्या ताज महल सुंदर होगा तेरी सुन्दरता के आगे ।
क्या उसमे तुम सी खुशबू है क्या नैना है जागे जागे ॥
क्या वह अलसाया रहता है तुमसी अंगडाई लेता है ।
चेहरे से हटाने पर जुल्फे क्या चाँद दिखाई देता है ॥
होठों से ऐसा लगता है लिपटी आपस में कलियाँ है ।
तेरी आँखों की कोरो में दिखती जन्नत की गलियां है ॥

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