कभी तो याद आयेगे उन्हें भूले हुए चेहरे ।
कभी तो मुस्कुरायेगे वो मंज़र याद रख्गे।।
कभी तो वो बिना पर्दा निकल आएगी राहों में ।
बसा लेगे हम आखों में वो मंज़र याद रख्गे ॥
करूं पूजा करूं सिजदा नहीं कुछ सूझता मुझको ।
की उनके सामने हम कोई एक फरियाद रखेगे॥
उन्हें फुरसत नहीं वो याद रखे ये सभी बाते ।
मेरा क्या कुछ नहीं भूले हम सब कुछ याद रखेगे ॥
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