Anil Kumar Aksh
Thursday, June 11, 2009
नज़ारे दिख गए
नज़ारे दिख गए
मुझसे
नज़र भी देख ली मैंने ।
बड़ी फुरसत में बैठे हो नज़र थामे हुए दिल से ॥
तुम्हे यू देख कर कोई सरारत हो गई मुझसे ।
तो उठकर चल न देना तुम कही इस बार महफिल से ॥
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