Anil Kumar Aksh
Friday, April 24, 2009
वक्त के बढ़ते कदम
वक्त के बढ़ते कदम की आज
आहट
आ रही है ।
देख कर सूरत तुमाहरी
चांदनी
शर्मा रही है ॥
वक्त का दरिया है रुक सकता नही अब रोक मत ।
चंद
लम्हे रह गए है
भागी
जा रही है ॥
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