कभी तो याद आयेगे उन्हें भूले हुए चेहरे ।
कभी तो मुस्कुरायेगे वो मंज़र याद रख्गे।।
कभी तो वो बिना पर्दा निकल आएगी राहों में ।
बसा लेगे हम आखों में वो मंज़र याद रख्गे ॥
करूं पूजा करूं सिजदा नहीं कुछ सूझता मुझको ।
की उनके सामने हम कोई एक फरियाद रखेगे॥
उन्हें फुरसत नहीं वो याद रखे ये सभी बाते ।
मेरा क्या कुछ नहीं भूले हम सब कुछ याद रखेगे ॥
Sunday, January 31, 2010
कही बुत भी चला
कही बुत भी चला करते है देखा है कभी तुम ने ।
कही दरिया ठहरती है ये देखा है कभी तुमने ॥
कहीं रूकती अनिल है बात कुछ बेजान लगती है ।
की मंज़र कब बदलते है ये जाना है कभी तुमने ॥
ये बातें सब पुरानी है जो लिखी सब कहानी है ।
हमारी ये कहानी खुद हमारी ही जबानी है ॥
बदलते हाल देखे है वो सब हालात देखे है ।
वो देखी है सभी गलियां जहाँ तेरी निशानी है
हँसने से बहुत डरते थे हसना आ गया मुझको ।
खुदा का शुक्रिया बोलू या तेरी मेहरबानी है
कही दरिया ठहरती है ये देखा है कभी तुमने ॥
कहीं रूकती अनिल है बात कुछ बेजान लगती है ।
की मंज़र कब बदलते है ये जाना है कभी तुमने ॥
ये बातें सब पुरानी है जो लिखी सब कहानी है ।
हमारी ये कहानी खुद हमारी ही जबानी है ॥
बदलते हाल देखे है वो सब हालात देखे है ।
वो देखी है सभी गलियां जहाँ तेरी निशानी है
हँसने से बहुत डरते थे हसना आ गया मुझको ।
खुदा का शुक्रिया बोलू या तेरी मेहरबानी है
खबर आई हवा लेकर की बादल
खबर आई हवा लेकर की बादल आज बरसेगे ।
मगर उनको खबर क्या ये नयन मिलने को तरसेगे ॥
मगर वो है वहां बैठे लिए मुस्कान होठो पर ।
वो ऐसे है तमाशाई न बरसेगे न तरसेगे ॥
मगर उनको खबर क्या ये नयन मिलने को तरसेगे ॥
मगर वो है वहां बैठे लिए मुस्कान होठो पर ।
वो ऐसे है तमाशाई न बरसेगे न तरसेगे ॥
Tuesday, January 26, 2010
जिस तरफ देखिये
कंट्री क्लब में मन रहा मेडमा का नव वर्ष ।
नज़र जिधर भी जा रही उधर हर्ष ही हर्ष ॥
लम्हा लम्हा करके के नया साल आ गया ।
जाने वाला क्या क्या नए गुल खिला गया ॥
कितने चेहरे जो मिले थे खो गए कहीं ।
कितने नए चेहरों को हमसे मिला गया ॥
तो जिस तरफ देखिये उस तरफ हर्ष है ।
इस तरफ हर्ष भी उस तरफ हर्ष है ॥
है नज़र उठ रही जा रही अर्श तक ।
अर्श पर हर्ष है फर्श पर हर्ष है ॥
एक वो साल था एक ये साल है ।
तब भी खुशहाल था अब भी खुशहाल है ॥
एक वो वर्ष था एक ये वर्ष है ।
तब भी संघर्ष था अब भी संघर्ष है ॥
हर तरफ हर्ष है हर तरफ हर्ष है ।
दीजिये और कुछ जो परामर्श है ॥
मै भी हूँ हर्ष में तुम भी तो हर्ष हो ।
अब तो उत्कर्ष है अब तो उत्कर्ष हो ।।
क्या कहूं हर्ष से क्या कहूं हर्ष को ।
हर्ष से पूछिए आज क्यों हर्ष है ॥
वो भी नव वर्ष था ये भी नव वर्ष है ।
हर्ष में मेडमा मेडमा हर्ष है ॥
नज़र जिधर भी जा रही उधर हर्ष ही हर्ष ॥
लम्हा लम्हा करके के नया साल आ गया ।
जाने वाला क्या क्या नए गुल खिला गया ॥
कितने चेहरे जो मिले थे खो गए कहीं ।
कितने नए चेहरों को हमसे मिला गया ॥
तो जिस तरफ देखिये उस तरफ हर्ष है ।
इस तरफ हर्ष भी उस तरफ हर्ष है ॥
है नज़र उठ रही जा रही अर्श तक ।
अर्श पर हर्ष है फर्श पर हर्ष है ॥
एक वो साल था एक ये साल है ।
तब भी खुशहाल था अब भी खुशहाल है ॥
एक वो वर्ष था एक ये वर्ष है ।
तब भी संघर्ष था अब भी संघर्ष है ॥
हर तरफ हर्ष है हर तरफ हर्ष है ।
दीजिये और कुछ जो परामर्श है ॥
मै भी हूँ हर्ष में तुम भी तो हर्ष हो ।
अब तो उत्कर्ष है अब तो उत्कर्ष हो ।।
क्या कहूं हर्ष से क्या कहूं हर्ष को ।
हर्ष से पूछिए आज क्यों हर्ष है ॥
वो भी नव वर्ष था ये भी नव वर्ष है ।
हर्ष में मेडमा मेडमा हर्ष है ॥
Subscribe to:
Posts (Atom)